योजना का परिचय एवं उद्देश्य:-
उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा० योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का आरंभ दिनांक 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर किया गया। प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा सिविल सेवा परीक्षा, जे.ई.ई., नीट, एन.डी.ए., सी.डी.एस. इत्यादि की तैयारी हेतु ग्रामीण अंचल के तथा निर्बल आय वर्ग के प्रतिभाशाली एवं मेधावी छात्र, जो संसाधनों की कमी के कारण निजी कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेने में असमर्थ रहते हैं। अतः उक्त छात्रों को प्रशासनिक सेवाओं एवं अन्य विभिन्न सेवाओं में समुचित प्रतिनिधित्व अवसर दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत विभिन्न परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग व उच्च स्तरीय मार्गदर्शन ऑफलाइन/ऑनलाइन माध्यम से दिए जाने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री योजना अंतर्गत निम्नलिखित परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था है:-
1. संघ लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक, मुख्य परीक्षाएं एवं साक्षात्कार।
2. एन.टी.ए. द्वारा आयोजित जे.ई.ई. एवं नीट की परीक्षाएं।
3. एन.डी.ए. एवं सी.डी.एस. की भर्ती संबंधी।

योजना की सेवाएँ:-
1. ऑफलाइन एवं ऑनलाइन (हाइब्रिड) मोड में कक्षाओं का संचालन।
2. ई-लर्निंग प्लेटफार्म।
3. राज्य सरकार में कार्यरत अधिकारियों द्वारा निःशुल्क मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण।
4. गाइडेंस एवं संदेह निवारण।
5. विषय वस्तु विशेषज्ञ।
6. कैरियर काउंसलिंग।
7. पुस्तकालय की व्यवस्था।
8. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मोटिवेशनल क्लासेस।
9. मॉक साक्षात्कार।

माननीय मंत्री जी का संदेश

राज्य व जिला स्तरीय समिति के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। राज्य स्तर पर इस योजना हेतु छत्रपति शाहू जी महाराज, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान भागीदारी भवन लखनऊ सचिवालय के रूप में कार्यरत हैं। राज्य स्तर पर योजना के पर्यवेक्षण हेतु मा० मंत्री, समाज कल्याण की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।

योजना के पर्यवेक्षण हेतु राज्य स्तरीय समिति निम्नवत् होगीः-
(1) मा. मंत्री जी, समाज कल्याण अध्यक्ष
(2) अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, वित्त सदस्य
(3) अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, समाज कल्याण सदस्य
(4) महानिदेशक, उपाम सदस्य
(5) अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सूचना सदस्य
(6) राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी सदस्य
(7) निदेशक, छत्रपति शाहूजी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान सदस्य
(8) निदेशक, समाज कल्याण सदस्य सचिव

जनपद स्तर:- प्रत्येक जनपद के मुख्यमंत्री अभ्युदय केंद्र, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र, छात्रावास व आश्रम पद्धति विद्यालय व राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री अभ्युदय सचिवालय में संपर्क केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जिला स्तर पर योजना के सफल कार्यान्वयन हेतु जिला अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा।
संचालन:- जिलाधिकारी द्वारा इस कार्यक्रम के संचालन हेतु कोई भी राजकीय अथवा राज्य से अनुदानित इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, आई.टी.आई., पॉलीटेक्निक एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित परीक्षा पूर्व कोचिंग एवं आश्रम पद्धति विद्यालय केन्द्रों का अभ्युदय प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में उपयोग किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित समस्त राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र, अनुसूचित जाति छात्रावास के विद्यार्थियों को भी उक्त योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है।

प्रवेश हेतु पात्रता:-
  1. जे.ई.ई, नीट हेतु कक्षा 11 और 12 में अध्ययनरत अथवा उत्तीर्ण विज्ञान वर्ग के छात्र पात्र होंगे।
  2. आई.ए.एस. और पी.सी.एस. की परीक्षा के प्रशिक्षण हेतु स्नातक अन्तिम वर्ष के छात्र अथवा स्नातक उत्तीर्ण छात्र योग्य होंगे।
  3. एन.डी.ए एवं सी.डी.एस परीक्षाओं की शैक्षिक योग्यताएं भी संबंधित प्रतियोगी परीक्षा के अनुरूप होंगी।
चयन प्रक्रिया:-

प्रत्येक वर्ष में निर्धारित तिथि के अनुसार सम्बंधित कोर्स हेतु अभ्यार्थियों को आवश्यकतानुसार चयन प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा तथा प्रक्रिया जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित की जाएगी। छात्रों का चयन प्रवेश परीक्षा अथवा मेरिट अथवा साक्षात्कार द्वारा किया जाएगा। प्रवेश प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक अभ्यार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त हो।

शिक्षकों का मानदेय व चयन:-

योग्य एवं अनुभवी व्याख्याताओं को जिला स्तर पर विशेषज्ञ चयन समिति की अनुशंसा से परीक्षा व्याख्यान, ट्रायल लेक्चर के उपरान्त परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों में सूचीबद्ध किया जाता है। व्याख्यान के लिए आमंत्रित किए जाने वाले विषय विशेषज्ञों, वार्ताकारों तथा व्याख्याताओं को प्रति व्याख्यान (90 मिनट) दर रू. 2,000/- मानदेय का भुगतान किया जा रहा है।

विषय विशेषज्ञ के इम्पैनलमेंट और पर्यवेक्षण समिति:-
अतिथि प्रवक्ताओं के इम्पैनलमेंट व अध्यापन कार्य के पर्यवेक्षण हेतु समिति निम्नलिखित होगी:-
(1) मुख्य विकास अधिकारी अध्यक्ष
(2) जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य
(3) क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी/प्राचार्य – राजकीय डिग्री कॉलेज अथवा अनुदानित महाविद्यालय सदस्य
(4) संबंधित विषय विशेषज्ञ सदस्य
(5) जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव
(6) कोर्स कोऑर्डिनेटर सदस्य

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का सफल संचालन प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में किया जा रहा है। उक्त योजना अंतर्गत सूचीबद्ध लगभग 2000 शिक्षकों/विषय विशेषज्ञों द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन किया जा रहा है। अब तक उक्त योजना के अंतर्गत 400 से ज्यादा छात्र विभिन्न पदों पर अंतिम रूप से चयनित हो चुके हैं। यू.पी.एस.सी. 2023 में 23 छात्र और यू.पी.पी.सी.एस. 2023 में 30 छात्र चयनित हुए हैं। जेईई (मेन्स) 2024 में 35 छात्र चयनित हुए हैं। आगामी सत्र हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या लगभग 27,000 है।