उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति के विधावी पुरूष एवं महिला अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के पूर्व प्रशिक्षण (कोचिंग) हेतु आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना 1994 में की गयी थी। वर्ष 1997 तक पुरूष अभ्यर्थियों को कोचिंग प्रदान की जा रही थी, तदोपरान्त वर्ष 1997-98 से यह केन्द्र केवल उत्तर प्रदेश की महिला अभ्यर्थियों को ही प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है वर्ष 1997-98 से 2008 तक केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिला अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। वर्ष 2009 से केन्द्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिला अभ्यर्थियों के साथ-साथ अन्य पिछड़ी जाति की महिला अभ्यर्थियों को भी कोचिंग दिये जाने के लिए व्यवस्था की गयी। इस केन्द्र में कुल क्षमता के सापेक्ष सीटों का आरक्षण अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु कमशः 45 एवं 05 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़े वर्गों की अभ्यर्थियों के लिए शेष 50 प्रतिशत सीटों पर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की व्यवस्था है। पूर्व में 05-05 माह संचालित होने वाले सत्र के स्थान पर एक वर्ष में 10 माह का एक सत्र संचालित किए जाने का प्राविधान किया गया है। संस्था की कुल क्षमता 150 प्रशिक्षणार्थियों की है केन्द्र के लिए शासन द्वारा रू0 1.5 करोड़ (1 करोड़ 50 लाख) की एक निधि की स्थापना की गयी थी, जिससे अर्जित ब्याज की धनराशि एवं शासकीय बजट के द्वारा वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।